मोबाइल फ़ोन, 24 घंटे हमारे साथ रहता है. मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूँ कि जागते वक्त तो ये हमारे हाथ में रहता ही है या फिर पेंट की जेब में या बैग में, और अधिकांश लोग सोते वक्त इसे तकिये के नीचे रखते हैं. शायद इस बात का डर रहता है कि कोई उनकी चैट को पढ़ लेगा या फिर सीक्रेट जान लेगा. मगर, ये बहुत खराब आदत है. इसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है. इसकी वजह है रेडिएशन. रात को तकिये के नीचे मोबाइल रखकर सोने से सोचने और समझने की क्षमता पर बहुत प्रभाव पड़ता है.
आइए आज हम आपको बताते हैं की तकिये के नीचे मोबाइल रख के सोना हमारे लिए कितना खतरनाक होता है .
आग लगने का खतरा
आप जानते हैं कि मोबाइल से गर्मी निकलती है, जब चार्जिंग पर हो. अगर, फोन अधिक गर्म हो तो उसमें आग लगने का संभावना रहती है. तकिये के नीचे इसे रखकर सोने से यह संभावना रहती
रेडिएशन एक्सपोज से कैंसर का खतरा
हम जानते हैं कि मोबाइल से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन निकलती है, जिसका असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है. अगर,हम मोबाइल को तकिये के नीचे रखकर सोते हैं, तो इससे निकलने वाला रेडिएशन मस्तिष्क की कोशिकाओं पर बुरा असर डालता है. यह रेडिएशन इतना खतरनाक होता है, कि यह कैंसर का कारण बन सकता है.
नींद में खलल डालता है मोबाइल
मोबाइल रेडिएशन, ब्लू लाइट का सीधा असर दिमाग पर पड़ता है है. रेडिएशन की वजह से शरीर में मेलाटोनिन का स्तर कम होता है. इसके कारण नींद आने में बहुत परेशानी होती है. जानकार ये कह रहे हैं कि जो लोग लंबे समय से तकिये के नीचे मोबाइल रखकर सोते हैं, उनमें नींद कम आना, बार-बार जागना, अवसाद और तनाव भी ज्यादा देखा जाता है.
यह तनाव का भी बड़ा कारण है
देश-दुनिया में हुई कई रिसर्च में यह सामने आया है कि मोबाइल तकिए के नीचे रखकर सोने से मानसिक तनाव की समस्या होती है. क्योंकि इसमें बार-बार नोटिफिकेशन आता है. इन मैसेज की आवाज या कॉल नींद में व्यावधान डालते हैं.
अगर, आप भी यह कर रहे हैं तो आज से ही इस आदत को बदल डालिये.