इस चुनावी मौसम में अमेरिका से दिल्ली आई आप की राज्यसभा सांसद और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दिल्ली में बुझती भगवा आस को एक नई संजीवनी दे दी है। आप नेता भी अब दबी जुबान से स्वीकार करने लगे हैं की पार्टी के अंदर ही कुछ “स्लीपर सेल” काम करने लगे हैं। स्वाति मालीवाल लंबे समय तक आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल की आंखों का तारा रही हैं पर पिछले कुछ समय से जब अरविंद केजरीवाल और आप विपरीत परिस्थितियों से जूझ रहे थे स्वाति मालीवाल अपनी बहन के इलाज के सिलसिले में लगातार अमेरिका में बनी हुई थी यह बात केजरीवाल और उनके खास समर्थको को रास नहीं आ रही थी। सूत्र यह भी खुलासा करते कि जब स्वाति अमेरिका में थी तो उन्हें केजरीवाल की ओर से यह संदेश भिजवाया गया था कि वह दिल्ली आकर अपनी राज्यसभा सीट से इस्तीफा दे। केजरीवाल यह सीट अपने वकील मित्र अभिषेक मनु सिंघवी को देना चाहते हैं। मालीवाल को इसी वर्ष जनवरी में राज्यसभा सीट दी गई थी पर मालीवाल की ओर से इस बारे में आप हाईकमान को कोई माकूल जवाब नहीं मिला।
कहते हैं उनकी ओर से कहा गया कि वह इस बारे में दिल्ली जाकर केजरीवाल से बात करें। आप से जुड़े विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि जब मालीवाल ने अमेरिका से दिल्ली की फ्लाइट पकड़ी इस बीच केजरीवाल की जमानत अर्जी सर्वोच्च अदालत से मंजूर हो गई। सूत्र यह भी बताते हैं कि स्वाति ने कई दफे केजरीवाल से मिलने का समय मांगा पर ना तो केजरीवाल लाइन पर आए नहीं विभव, तो स्वाति ने बिना कोई अपॉइंटमेंट सीएम हाउस जाकर केजरीवाल से मिलना तय किया। वह वहां पहुंच भी गई और ड्राइंग रूम में बैठकर इंतजार करने लगी। मालीवाल के आने की खबर पाकर विभव ड्राइंग रूम में आए और उन्होंने स्वाति से दो टूक कह दिया कि आज उनकी मुलाकात अरविंद जी से नहीं हो पाएगी। यह सुनने भर की देर थी कि स्वाति आगबबूला हो गई और उन्होंने विभव को खरी खोटी सुना दी। इस पर विभव ने भी सुना दिया कि जब पार्टी को आपकी जरूरत थी तब आप अमेरिका में बैठी थी कुछ दिनों के लिए ही आ जाती। सूत्रों की माने तो यह कहकर विभव फिर अंदर चले गए।
(संजय सिंह ने क्यों की जल्दबाजी?)
आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बेहद जल्दबाजी में मीडिया में यह बयान दे दिया कि पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर बदसलूकी हुई है और यह बेहद निंदनीय घटना है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री के पीए बिभव कुमार के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। गौरतलब है कि स्वाति मालीवाल के साथ यह कथित घटना 13 मई को हुई है और संजय सिंह ने 15 मई को इस पर बयान दिया। लेकिन पार्टी की राय इससे अलग है। आम आदमी पार्टी 17 मई को खुल कर बिभव के पक्ष में उतरी। इससे पहले भी 16 मई को केजरीवाल ने अपने पीए बिभव को अपने साथ लखनऊ ले जाकर यह दिखा दिया था कि वे संजय सिंह के बयान से सहमत नहीं हैं और वे कोई कार्रवाई नहीं करने जा रहे हैं। इसके अगले दिन पार्टी ने बिभव का समर्थन किया और मालीवाल को भाजपा का एजेंट बताया।
इस बीच शुक्रवार को एक 52 सेकेंड का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें सीएम आवास में बैठ कर उलटे स्वाति मालीवाल सीएम आवास के सुरक्षाकर्मियों और बिभव से बदसलूकी कर रही हैं। इस वीडियो के साथ ही आप ने पूरा नैरेटिव बदलने का प्रयास शुरू किया। फिर राज्य सरकार की महिला मंत्री आतिशी ने प्रेस कांफ्रेंस करके स्वाति मालीवाल पर हमला किया। उनसे जब पूछा गया कि संजय सिंह ने कयों बिभव की गलती मानी तो उनका कहना था कि उस समय उनके सामने सिर्फ स्वाति का पक्ष था। सवाल है क्यों उन्होंने बिभव या पार्टी का पक्ष जाने बगैर मीडिया में बयान दिया था? ऐसा लग रहा है कि इसके पीछे कुछ और कहानी है। माना जा रहा है कि पार्टी का एक तबका बिभव से नाराज रहता है। सीएम से उनकी नजदीकी और उनकी हैसियत से लोग परेशान रहते हैं। दूसरे, पार्टी का एक खेमा इस घटनाक्रम के बहाने केजरीवाल के दबाव में आने की उम्मीद भी कर रहा है। हालांकि केजरीवाल ने संजय सिंह को राज्यसभा का लगातार दूसरा कार्यकाल दे दिया है। फिर भी उनकी जल्दबाजी समझ में नहीं आने वाली है।
आशीष शर्मा पंजाब केसरी के सौजन्य से: