कांग्रेस के बयान पुलिस बलों का मनोबल गिराने वाले: शिवरतन शर्मा

कांग्रेस के बयान पुलिस बलों का मनोबल गिराने वाले: शिवरतन शर्मा
रायपुर 26 मई 2024 । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के नक्सल समर्थक बयान को लेकर तीखा हमला बोलते हुए इसे बेहद शर्मनाक बताया है। शर्मा ने बैज को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बहुत ही दुःख की बात है कि ऐसे दिन, जब कांग्रेस से ही जुड़े प्रदेश के अनेक नेता नक्सल हमले में दिवंगत हुए थे,

उसी दिन कांग्रेस अध्यक्ष प्रेस वार्ता लेकर नक्सलियों के समर्थन से संबंधित बयान जारी करें। इससे बढ़ कर अफ़सोसनाक बात और कुछ नहीं हो सकती। शर्मा ने बैज से सीधा सवाल किया कि कांग्रेस यह साफ करे कि वह छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का खात्मा चाहती है या नहीं?

भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि अभी छत्तीसगढ़ सबसे बड़ी लड़ाई नक्सलवाद के विरुद्ध लड़ रहा है। सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता भी मिल रही है। डेढ़ माह में 112 से अधिक नक्सली मारे गए हैं, सैकड़ों गिरफ़्तार हुए हैं, बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण भी कर रहे हैं। आज भी 35 नक्सली के आत्मसमर्पण की खबर है।

ऐसे समय अपने ही जवानों पर अविश्वास करते हुए मुठभेड़ की जांच के लिए कांग्रेस द्वारा कमिटी बनाया जाना ही आपत्तिजनक है। एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक आदि पर सवाल उठाने की तर्ज़ पर ही कांग्रेस हर कदम पर सवाल उठा कर सुरक्षा बलों का मनोबल तोड़ने का कार्य करती है, कांग्रेस के ऐसे आचरण की जितनी निंदा की जाय, कम है। शनिवार को एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में आहूत पत्रकार वार्ता में शर्मा ने कहा कि आश्चर्य यह है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार की आत्मसमर्पण नीति पर राह से भटक गए स्थानीय नक्सलियों तक को भरोसा है, लेकिन कांग्रेस ऐसा कोई भरोसा दिखाने के लिए तैयार नहीं है।

मुद्दई सुस्त गवाह चुस्त की तर्ज़ पर ऐसी घटनाओं पर भी कांग्रेस सवाल उठाती है, जिसके बारे में नक्सली भी सवाल नहीं करते। शर्मा ने कहा कि ‘छोटे बेटिया’ मुठभेड़, जिसमें 29 नक्सली मारे गए थे, को फ़र्जी बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान देखा। आश्चर्य यह है कि स्वयं नक्सलियों ने मृतकों के नाम जारी कर माना कि सभी मारे गए माओवादी उनके संगठन से जुड़े थे, तब भी कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री इसे फ़र्जी करार देकर सुरक्षा बलों का मनोबल तोड़ने में लगे हुए थे।

पाए, इससे बड़ा उदाहारण और क्या हो सकता है कि किस तरह इनकी सहानुभूति नक्सलियों के साथ है। यही नहीं, दिग्विजय सिंह से लेकर राज बब्बर, कवासी लखमा से लेकर रंजीता रंजन जैसे कांग्रेस के बड़ी नेताओं को नक्सलियों को अपना कहने वाले बयान देते लगातार सुना ही गया है। यह अनुचित है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि कांग्रेस का एक गुट पूरी तरह नक्सलियों के साथ है या नक्सलवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई को कमजोर करने में लगा हुआ है। शर्मा ने कहा कि भाजपा की स्पष्ट नीति है कि चाहे बोली से हो या गोली से, वार्ता से हो या कारवाई से, हम छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

सरकार ने बार-बार बातचीत का भी आह्वान किया है, आत्मसमर्पण और पुनर्वास पर भी काम कर रही है, साथ साथ आवश्यकता पड़ने पर ताक़त से भी काम लेकर यह समस्या समाप्त करेगी। ऐसा हमारी सरकार कांग्रेस के कुनीतियों के बावजूद करेगी। हमने सरगुज़ा को नक्सल मुक्त किया है। अब यह बस्तर के भी अबूझमाड़ के कुछ क्षेत्रों में सिमटे हैं, वहां से भी इन्हें हटाए बिना हम चैन की साँस नहीं लेने वाले हैं। शर्मा ने कहा कि नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़ ही झीरम के बलिदानियों समेत इस नक्सल हमले में दिवंगत हुए हमारे कार्यकर्ताओं और शहीद हुए सुरक्षा बलों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कांग्रेस को हम चेतावनी देना चाहते हैं कि इस विषय पर सस्ती और हल्की राजनीति न करे।

प्रेस वार्ता में भाजपा प्रदेश महामंत्री जगदीश (रामू) रोहरा, मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी, सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल, अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश के अध्यक्ष विकास मरकाम, प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर मौजूद रहे।

 

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