कोरबा में DMF के खर्च को लेकर दायर जनहित याचिका हाई कोर्ट ने कर दी निराकृत

बिलासपुर :  कोरबा के जिला खनिज न्यास कोष (DMF) के 1200 करोड़ रुपये के दुरुपयोग की जांच कराने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका को महालेखाकार (CAG) की ओर से जवाब मिलने के बाद हाईकोर्ट ने निराकृत कर दिया है। जवाब में बताया गया है कि DMF में हुए खर्च की ऑडिट कर ली गई है और रिपोर्ट विधानसभा में प्रस्तुत की जाएगी। वहीं रिपोर्ट पर कार्रवाई राज्य सरकार को करनी है।

कोरबा के सामाजिक कार्यकर्ता संतोष कुमार राठौर व अन्य व्यक्तियों ने अधिवक्ता संजय कुमार अग्रवाल के माध्यम से दायर जनहित याचिका में कहा था कि डीएमएफ में कोरबा जिले को 1200 करोड़ रुपये मिले हैं, जिसमें डीएमएफ के नियम-कायदों का उल्लंघन करते हुए कार्यों के आवंटन और राशि को खर्च करने में भ्रष्टाचार किया गया है। बिल का भुगतान करते समय टीडीएस की कटौती भी नहीं की गई है तथा सालाना ऑडिट भी नहीं कराया जा रहा है।

राज्य सरकार को सौंपी ऑडिट रिपोर्ट
मामले की सुनवाई के दौरान महालेखाकार के अधिवक्ता रमाकांत मिश्रा ने चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच को जानकारी दी कि डीएमएफ में हुए खर्च की ऑडिट कर रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी गई है, जिसे विधानसभा में प्रस्तुत किया जाना है। प्रकरण में राज्य सरकार की ओर कार्रवाई की जाएगी। हाईकोर्ट ने महालेखाकार का पक्ष सुनने के बाद कहा कि चूंकि जांच की मांग पूरी हो गई है और राज्य सरकार इस पर कार्रवाई करेगी, याचिका निराकृत की जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *