सुहागिन महिलाओं के लिए क्यों खास है मंगला गौरी व्रत, जानें क्‍या है महत्‍व

सावन माह की शुरुआत 22 जुलाई से होगी। सोमवार को भगवान शिव के निमित्त व्रत रख उनका पूजन किया जाएगा। तो वहीं इस माह मंगलवार का भी विशेष महत्व है। यह दिन मां पार्वती को समर्पित है। महिलाएं इस दिन मंगला गौरी का व्रत रखती है।

हिंदू धर्म में मंगला गौरी व्रत को शुभ फलदायी माना गया है। यही कारण है कि महिलाएं इस दिन व्रत रखती है। मान्‍यता है कि इस दिन व्रत रखने से वैवाहिक जीवन सुखी रहता है। इस माह मंगला गौरी के चार व्रत रखे जाएंगे।

कब से शुरू होंगे मंगला गौरी व्रत

मंगला गौरी व्रत की शुरुआत सावन  शुरू होने के अगले दिन यानी 23 जुलाई से होगी। इस दिन पहला मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा। इसके बाद 30 जुलाई को दूसरा, 6 अगस्त को दूसरा और 13 अगस्त को चौथा और आखिरी मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा। इन सभी दिनों पर मां पार्वती की विशेष पूजा की जाएगी।

कुंवारी युवतियां भी रखती है व्रत

सुहागिन महिलाएं जहां अखंड सौभाग्य की कामना के लिए यह व्रत रखती हैं, तो वहीं कुंवारी युवतियां अच्छे वर की कामना के साथ यह व्रत करती हैं। माना जाता है कि यह व्रत रखने से परिवार में भी सुख शांति बनी रहती है।

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