विधानसभा में पति पत्नी की जोड़ी, यह बिहार में लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के प्रयोग की तरह है

विधानसभा में पति पत्नी की जोड़ी, यह बिहार में लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के प्रयोग की तरह है
एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परिवारवाद पर हमला है और दूसरी ओर विधायिका में एक परिवार के कई सदस्यों की संख्या बढ़ते जाने की हकीकत है। कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों में तो ऐसा है ही, प्रधानमंत्री की अपनी पार्टी भी इससे बची हुई नहीं है। अब एक नई तरह की जोड़ियां बन रही हैं और आने वाले दिनों में इस तरह की कई जोड़ियां देखने को मिल सकती हैं। अब विधानसभाओं में पति-पत्नी की जोड़ी बन रही है। दो राज्यों में ऐसी जोड़ी बन चुकी है और देश में जिस तरह की राजनीति हो रही है उससे लगता है कि आने वाले समय में कम से कम तीन और राज्यों में इस तरह की जोड़ी बन सकती है। यह एक तरह से बिहार में लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के प्रयोग की तरह है।
पिछले दिनों झारखंड में हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर जेल जाना पड़ा तो उनकी पत्नी कल्पना सोरेन विधानसभा का चुनाव लड़ीं। उनके चुनाव लड़ने के लिए हेमंत सोरेन जेल जाने से पहले ही सीट खाली करा कर गए थे। उन्होंने गांडेय विधानसभा सीट खाली कराई थी और सीट खाली करने के बदले वहां के विधायक सरफराज आलम को राज्यसभा भेजा। हेमंत जेल से छूट कर आ गए हैं और फिर से मुख्यमंत्री बन गए हैं। सो, अब हेमंत गाड़ी चला कर विधानसभा जा रहे हैं और पत्नी साथ जा रही हैं। दोनों विधानसभा के सदस्य हैं। यह प्रयोग हिमाचल प्रदेश में भी हो गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर उपचुनाव में देहरा सीट से जीत गई हैं। वे अपनी पति से ज्यादा अंतर से जीती हैं। सो, अब विधानसभा में दोनों साथ बैठेंगे।
आने वाले दिनों में इस तरह के प्रयोग और देखने को मिलेंगे। जो नेता जेल जा चुके वे भी यह प्रयोग करेंगे और जिनके ऊपर तलवार लटकी हुई है वे भी करेंगे। कम से कम तीन राज्य फिलहाल दिख रहे हैं। उनमें एक राज्य दिल्ली हो सकता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में बंद हैं और उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है। अब लग भी नहीं रहा है कि वे इस्तीफा देंगे क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के मामले में उनको जमानत देते हुए कहा कि वे चुने हुए नेता हैं और उनको तय करना है कि वे पद पर बने रहते हैं या इस्तीफा देते हैं। अब उनकी पार्टी सीबीआई मामले में जमानत लेने की बेचैनी में है। सो, वे इस्तीफा नहीं देंगे। लेकिन देते तो किसको मुख्यमंत्री बनाते? इस समस्या का समाधान अगले साल जनवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव में हो सकता है। अगले साल उनकी पत्नी सुनीत केजरीवाल भी विधानसभा का चुनाव लड़ सकती हैं।
दूसरा प्रयोग बिहार में होने की संभावना है। पिछले काफी समय से इस बात की चर्चा है कि तेजस्वी यादव की पत्नी राजश्री सक्रिय राजनीति में आ सकती हैं। पड़ोसी राज्य झारखंड में कल्पना सोरेन को जैसी लोकप्रियता मिली है उसे देखते हुए माना जा रहा है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में राजश्री को भी चुनाव लड़ाया जा सकता है। हालांकि कुछ जानकार उनको विधान परिषद या राज्यसभा भेजने की बात कर रहे हैं। तीसरा राज्य आंध्र प्रदेश हो सकता है लेकिन अभी उसमें देरी है। वहां जगन मोहन रेड्डी की पत्नी वाईएस भारती चुनाव लड़ सकती हैं। अगर अभी जगन को जेल जाना पड़ा तो पहल भी भारती के लिए कोई सीट खाली कराई जा सकती है

परिवार की महिलाओं को आगे बढ़ा रहे हैं नेता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना का पता नहीं कितना लाभ हुआ है लेकिन अब राजनीति में नेता अपने परिवार की महिलाओं को आगे बढ़ाने लगे है। पहले बड़े नेता अपने घर के पुरुषों को दूसरे के घरों की महिलाओं को आगे बढ़ाते थे लेकिन अब अपने परिवार पर ही ज्यादा फोकस हो गया है। हाल के दिनों में कई राजनीतिक परिवारों की महिलाएं सक्रिय राजनीति में आई हैं। उन्होंने चुनाव लड़ा है। झारखंड में हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन और दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल मिसाल हैं, जिन्हें अपने पति के जेल जाने पर राजनीति की कमान संभाली। अभी हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु की पत्नी कमलेश ठाकुर भी चुनाव लड़ कर विधायक हो गई हैं। लेकिन इसी बीच और भी महिलाएं सक्रिय हुई हैं, जिनकी ज्यादा चर्चा नहीं हो रही है।
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को राज्यसभा में भेज दिया है। प्रफुल्ल पटेल की खाली हुई राज्यसभा सीट से वे संसद के उच्च सदन की सदस्य बनी हैं। उनके चाचा शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले को काफी पहले नेता बना दिया था। लेकिन ध्यान रहे सुप्रिया उनकी इकलौती संतान हैं। दूसरी ओर अजित पवार के बेटे भी राजनीति में सक्रिय हैं लेकिन उन्होंने पत्नी को दिल्ली भेजा। इसी तरह इस बार के लोकसभा चुनाव में हरियाणा के चौधरी देवीलाल के परिवार की दो महिलाएं आपस में ही टकरा गईं। देवीलाल के पोते अजय चौटाला की पत्नी और हरियाणा की विधायक नैना चौटाला हिसार सीट से चुनाव मैदान में उतरीं तो देवीलाल के दूसरे पोते अभय चौटाला की पत्नी सुनैना चौटाला ने उनको चुनौती दी। हालांकि दोनों चुनाव हार गए। इस बार दोनों विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव कई बार की सांसद हैं तो सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर भी कई बार से लोकसभा सदस्य हैं। अब प्रियंका गांधी वाड्रा भी केरल की वायनाड सीट से लड़ेंगी और लोकसभा सदस्य बनेंगी।

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