छग राजस्व विभाग और रेरा के नियम कानून को ताक पर रख कृषि भूमि को प्लाटिंग कर सालों से बेच रहे रसूखदार नहीं हो रही कार्यवाही

भानुप्रतापपुर :- छग राजस्व विभाग और रेरा के नियम-कानून को ताक पर रख भानुप्रतापपुर नगर व आस पास के ग्राम पंचायतों में वर्षों से कृषि भूमि को अवैध प्लाटिंग कर जमीन की खरीदी बिक्री की जा रही हैं। इस अवैध काम मे भूमाफियाओं को स्थानीय पटवारियों व राजस्व अधिकारियों का भरपूर सहयोग मिल रहा है, जिसके चलते अब तक इन भूमाफियाओं पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। बिना डायवर्सन के भूमि को कई टुकड़ो में काट कर करोडों की कमाई भूमाफिया कर रहे हैं और शासन को गंभीर आर्थिक क्षति पहुंचाई जा रही है। ऐसे अवैध प्लाटिंग वाले खसरों में खरीदी बिक्री की निष्पक्ष जांच किया जाये तो कई पटवारी व अधिकारियों पर गाज गिर सकती हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर से सटे ग्राम मुल्ला में खसरा नम्बर 231, 236, 108, 225 ग्राम पंचायत चौगेल में 412 वहीं ग्राम पंचायत नारायणपुर में 59, 62, 60, 68, 67 में स्थित भूमि जो कि कृषि भूमि में दर्ज हैं को अवैध रूप में कई टुकडों में काट कर बेच दिया गया है। इसके लिए न तो रेरा के नियमों का पालन किया गया है और न ही कलेक्टर की अनुमति ली गयी है। क्षेत्र में ऐसे ही कई और भी मामले हैं जिनमें अवैध प्लाटिंग कर भूमि की बिक्री की गई है। इन मामलों में राजस्व विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी संदेहास्पद हैं। क्योंकि इनके सहयोग के बिना भूमि की खरीदी बिक्री करना सम्भव ही नहीं है। शासन को लाखों की राजस्व हानि पहुंचा कर भूमाफिया और विभाग के अधिकारी अपनी जेबें भरने में लगे हुए हैं। यह खेल वर्षों से इस क्षेत्र में जारी है लेकिन किसी भी मामले में अब तक कार्यवाही नहीं हुई है।

रेरा के नियमों को ठेंगा दिखा रहे भूमाफिया
क्षेत्र में स्थित कृषि भूमि के स्वामीयों द्वारा अपने स्वामित्व की भूमि को कई टुकड़ो में काट कर करोड़ो की अवैध कमाई की जा रही है लेकिन कालोनाईज अधिनियम एवं भूमि विकास अधिनियम 1984 के नियम का पूर्णतः उल्लघंन किया गया है। वहीं भू-संपदा अधिनियम (रेरा) का भी खुला उल्लघंन दर्शित है। नियमानुसार एक खसरा को तीन से अधिक टुकड़ों में विभक्त करने पर अवैध प्लाटिंग के दायरे में आती है। 3 टुकड़ो से अधिक विभक्त होने पर रेरा में पंजीयन कराना भी आवश्यक होता है। परन्तु भानुप्रतापपुर क्षेत्र में पटवारीयों व राजस्व अधिकारी की मिलीभगत से इस तरह के अवैध कार्य में पर्दा डाल कर भूमाफियाओं को संरक्षण दिया जा रहा है।

 

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