ओंकार शर्मा,गरियाबंद/छुरा : प्रयोग समाज सेवी संस्था सासाहोली तिल्दा-नेवरा रायपुर छत्तीसगढ़ के गरियाबंद के साहू समाज मंगल भवन में 29 अगस्त से 31 अगस्त तक ग्रामीण महिलाओं के आजिविका हेतु माइक्रोप्लानिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया था। जिसमें शुरुआत के दिनों में जंगल से मिलने वाले वनोपज से प्राप्त होने वाली चीजों के बारे में महिलाओं को विस्तृत जानकारी देते हुए आजिविका के साधन एवं आत्मनिर्भरता के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई थी।
वहीं दूसरे और तीसरे दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे प्रोडक्ट बनाकर हम ग्रामीण स्तर पर कैसे व्यवसाय की शुरुआत करते हुए आत्मनिर्भर बन सकते हैं जैसे हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर,आलु चिप्स, बेसन से सुखा सामाग्री, केला चिप्स, मुंगफली लड्डू,मिर्च पाउडर,तिल लड्डू, चावल पापड़,मुंगदाल पापड़, बनाकर हम इसी क्षेत्र में व्यवसाय कर सकते हैं। ये एक सुक्ष्म माइक्रो प्लानिंग है इसे हर कोई महिला कर अकेले भी सकते हैं, वहीं इसे संगठनात्मक रुप से करें तो और वृहद रूप से कर सकते हैं।वहीं संगठन के माध्यम से इसकी एक रुपरेखा तैयार कर शुरुआत करने से यह प्रशिक्षण ग्रामीण अंचल की महिलाओं के लिए काफी कारगर साबित होगा।
इसमें मुख्य चीजें खपत, बाजार, और निर्माण एवं लागत पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई। वहीं प्रशिक्षक ने व्यवस्था, बाजार और पैसा तीनों चीजों पर आपका अधिकार कैसे हो और आप सब कैसे आत्मनिर्भर बन सकते हैं इन बातों पर विशेष चर्चा की गई। वहीं महिलाओं पर होने वाले हिंसा, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी और भूमिका कैसे महत्वपूर्ण हो इन विषयों पर भी जानकारी देते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य ,प्रशिक्षक प्रदीप भाई, महिला भूमि अधिकार परियोजना समन्वयक श्रद्धा कश्यप, दिपिका धुरंधर, जिला समन्वयक नूरानी जैन, राजेन्द्र ठाकुर, पुजा जगत, बसंती यादव, नंदिनी सिंह, लक्ष्मी नेताम, त्रिवेणी ध्रुव, अंबिका पैकरा, सुलोचनी,आमना सिंग, लीलाबाई, हेमलता ध्रुव,मुकेश्वरी मरकाम, बसंती बाई,के साथ क्षेत्रीय महिलाएं उपस्थित रहे।