रक्षाबंधन के दिन सावन के आखिरी सोमवार व्रत का अद्भुत संयोग

सावन यानी शिव का महीना. सावन का समापन पूर्णिमा तिथि से होता है जिसके खत्म होने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. यानी कि 19 अगस्त को सावन पूर्णिमा, रक्षाबंधन और सावन का अंतिम सोमवार है. वैसे तो पूरा सावन मास ही भोले बाबा को समर्पित है लेकिन इसमें खास दिन सोमवार है. इसलिए जो लोग पूरे मास शिव पूजा नहीं कर पाते हैं, वह सोमवार के दिन उपवास और शिव उपासना जरूर करते है. इस बार श्रावण मास की शुरुआत सोमवार और चंद्रमा के नक्षत्र श्रवण से शुरू हुई थी और समापन भी सोमवार और नक्षत्र श्रवण से हो रहा है. ज्‍योतिषाचार्य पंडित शशिशेखर त्रिपाठी से जानिए इस शुभ योग पर कैसे सावन सोमवार व्रत रखें और साथ में रक्षाबंधन का त्‍योहार भी पूरे जोर-शोर से मनाएं.

सावन सोमवार व्रती क्या करें? 

सावन का अंतिम सोमवार, रक्षाबंधन और त्योहार पर भद्रा का साया को लेकर लोगों के मन में कई तरह के प्रश्न उठ रहे होंगे कि इस दिन व्रत रखा जाएगा कि नहीं या फिर त्योहार को कैसे मनाया जाए. जो लोग सोमवार और पूर्णिमा का व्रत रखते हैं, उन्हें रक्षाबंधन के दिन भी उपवास रखना है और अगले दिन पारण करना है. जो लोग किसी कारणवश इस माह में या सावन के सोमवार के दिन शिव आराधना, उनका अभिषेक अभी तक नहीं कर पाए है, उनके लिए यह एक सुनहरा मौका है. 19 अगस्त यानी अंतिम सोमवार पर किसी मंदिर में जाकर शिव की पसंदीदा चीजों से अभिषेक करके, 11 या कम से कम 1 माला ऊँ नमः शिवाय का जाप करें.

कब मनाएं रक्षाबंधन का त्योहार? 

वर्ष में एक बार मनाए जाने वाले भाई बहन के इस पर्व को मुहूर्त आदि देख कर ही मनाया जाना चाहिए. राखी बंधन का त्योहार है इसलिए भद्राकाल में जुड़ने वाले कार्य यानी कि राखी बांधने से बचना चाहिए. निर्णय सागर पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त को सुबह 03:05 से शुरू होकर और रात्रि 11:55 तक रहेगी, जबकि भद्रा 01:33 बजे के बाद समाप्त हो जाएगी. इसके अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार दोपहर 01:33 के बाद से मनाया जा सकता है.

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