उपचुनावों में भाजपा को बड़ा झटका हिमाचल में कांग्रेस सरकार हुई मजबूत पश्चिम बंगाल में फिर चला ममता का जादू

उपचुनावों में भाजपा को बड़ा झटका हिमाचल में कांग्रेस सरकार हुई मजबूत पश्चिम बंगाल में फिर चला ममता का जादू उत्तराखंड में भी हुआ भाजपा को नुकसान, वही मध्य प्रदेश ने एक बार फिर बचाई भाजपा की लाज, बिहार में नीतीश और तेजस्वी दोनों को झटका :-

महाराष्ट्र में विधान परिषद चुनाव में भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों की नौ सीटों पर जीत की खुशी अगले ही दिन चिंता में बदल गई। देश के सात राज्यों में 13 सीटों पर हुए उपचुनावों में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। हिमाचल प्रदेश से लेकर उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल तक भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ है। दूसरी ओर कांग्रेस के लिए अच्छी खबरों का सिलसिला उपचुनाव में भी जारी रहा। लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद कांग्रेस ने महाराष्ट्र में विधान परिषद चुनाव में भी अपना उम्मीदवार जीता लिया था और अब उपचुनाव में भी उसे बड़ा फायदा हुआ है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में उसे चार सीटों का फायदा हुआ है। साथ ही हिमाचल प्रदेश की सरकार भी पूरी तरह से सुरक्षित हो गई है।
हिमाचल प्रदेश के तीन निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा ने उन तीनों को विधानसभा की टिकट दी, जिनमें से दो चुनाव हार गए हैं। कांग्रेस दो सीटों पर जीत गई है। राज्य की देहरा सीट पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर ने बड़ी जीत हासिल की है। अनुराग ठाकुर के परिवार के असर वाले हमीरपुर में सिर्फ भाजपा जीती है और नालागढ़ सीट पर कांग्रेस जीत गई है। सो, अब हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस की सरकार पर से खतरा टल गया है। कांग्रेस के विधायकों की संख्या बढ़ कर 40 हो गई है। 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 40 सीटें जीती थीं। नतीजों के बाद भाजपा ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस में तोड़फोड़ की कोशिश की, जिसकी वजह से भाजपा को एक राज्यसभा सीट मिल गई। कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों की सीट पर हुए उपचुनाव की वजह से भाजपा की सीटें 25 से बढ़ कर 28 हो गई हैं लेकिन कांग्रेस की 40 सीट बरकरार रही है।

उत्तराखंड में भाजपा को सबसे बड़ा झटका लगा है, जहां पिछले दो बार से वह चुनाव जीत रही है। वहां दो सीटों पर उपचुनाव हुए थे और दोनों सीटें कांग्रेस जीत गई है। बद्रीनाथ और मंगलौर दोनों सीटें कांग्रेस ने जीती है। मंगलौर सीट नजदीकी मुकाबले में भाजपा जीती। यह सीट बसपा की थी और उसके विधायक के निधन से खाली हुई थी। बसपा ने दिवंगत विधायक के बेटे को टिकट दी थी लेकिन वे तीसरे स्थान पर रहे। बद्रीनाथ सीट पर कांग्रेस के विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में चले गए थे। भाजपा ने उनको उम्मीदवार बनाया था।

पश्चिम बंगाल में चार सीटों पर उपचुनाव हुए थे, जिनमें से तीन सीटें भाजपा की थी। इस बार भाजपा एक भी सीट नहीं जीत पाई है। रायगंज, राणाघाट दक्षिण, बागदा और मानिकतला चारों सीटों पर ममता बनर्जी की पार्टी ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस जीती है। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को झटका लगा था और उसकी सीटें कम हो गई थीं। अब विधानसभा में भी उसने अपनी जीती हुई तीन सीटें गंवा दी। ममता बनर्जी की पार्टी चारों सीटों पर भारी अंतर से जीती है। जीत का सबसे कम अंतर 33 हजार वोट का रहा है। मध्य प्रदेश की अमरावाड़ा सीट पर उपचुनाव हुआ था और भाजपा कांटे की टक्कर में इस सीट पर जैसे तैसे जीत गई है, पिछले कई वर्षों से भाजपा यह सीट नहीं जीत सकी थी, लेकिन कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए आयातित प्रत्याशी कमलेश शाह के चलते 16 वर्षों बाद भाजपा ने अमरवाड़ा सीट पर जीत हासिल की, मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में लोकसभा की सभी 29 सीटों (विशेषकर छिंदवाड़ा जीतने) और अब अमरवाड़ा उपचुनाव में मिली जीत से मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को मजबूती मिली है।

बिहार में रुपौली विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हुआ था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी कुमार दोनों की बुरी तरह से हार हुई, नीतीश को भी बड़ा झटका लगा उनके उम्मीदवार चुनाव हार गए। और सबसे दिलचस्प बात यह रही की निर्दलीय उम्मीदवार ने उन्हें चुनाव हराया। वही राजद तीसरे स्थान पर रही।
आशीष शर्मा पंजाब केसरी

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