दुर्ग सीट पर भाजपा का रहा है दबदबा, इस बार कांग्रेस लगाएगी सेंध या खिलेगा कमल

दुर्गछत्‍तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों के चुनाव परिणाम चार जून को आएंगे। वहीं छत्‍तीसगढ़ के दुर्ग लोकसभा सीट की बात करें तो लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में यहां सात मई को मतदान हुआ। दुर्ग लोकसभा सीट वर्ष 1952 में अस्तित्व में आया। यह सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित और ओबीसी बहुलता वाली है। कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली इस सीट पर भाजपा ने वर्ष 1996 में पहली बार सेंध लगाई थी। इसके बाद वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव को छोड़कर इस सीट पर भाजपा का ही कब्जा रहा है।

दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से भाजपा ने मौजूदा सांसद विजय बघेल पर फिर से दांव लगाया है। विजय बघेल वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में करीब पौने चार लाख मतों से विजयी हुए थे। दुर्ग लोकसभा सीट पर अब तक हुए चुनावों में सर्वाधिक मतों के अंतर से जीतने का रिकार्ड विजय बघेल के नाम पर ही है।

वहीं कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थक व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजेंद्र साहू को मैदान में उतारा। भाजपा ने इस लोकसभा चुनाव के लिए पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी। मैदानी स्तर पर वरिष्ठ नेताओं, पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की पूरी टीम को संसदीय क्षेत्र के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में लगा दिया गया था।
दूसरी ओर कांग्रेस में संसदीय क्षेत्र के कई वरिष्ठ नेता पाटन, महासमुंद और बिलासपुर लोकसभा का चुनाव लड़ने चले गए। वरिष्ठ नेताओं को अन्य संसदीय क्षेत्र का प्रत्याशी बनाए जाने की वजह से उक्त नेताओं के साथ साथ उनके समर्थक और कार्यकर्ता भी चले गए। जिसकी असर दुर्ग संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस के चुनाव प्रचार पर भी देखने को मिला।
भाजपा में बड़े नेताओं की हुई सभा
दुर्ग लोकसभा क्षेत्र में चुनावी रणनीति के मामले में भाजपा कांग्रेस से कई गुना आगे रही। पार्टी ने चुनाव प्रचार के लिए अपने स्टार प्रचारकों की सभा भी कराई। भिलाई में जेपी नड्डा और संसदीय क्षेत्र के बेमेतरा जिला मुख्यालय में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की सभा हुई। इन सभाओं का असर भी आम जनमानस पर देखने को मिला। वहींं कांग्रेस में स्टार प्रचारक के नाम पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ही सभा हुई। उन्होंने सभा के साथ कई क्षेत्रों में रोड शो भी किया।
चुनाव में इनकी प्रतिष्ठा दांव पर
आमतौर पर लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं। देशव्यापी मुद्दों के अलावा स्थानीय मुद्दे भी बात होती है।
दुर्ग लोकसभा सीट में भाजपा और कांग्रेस ने अपने अपने पार्टी के घोषणा पत्र को ज्यादा तव्वजों किया। दुर्ग लोकसभा क्षेत्र में नौ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। जिसमें से सात विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के विधायक हैं। इस चुनाव में एक तरह से भाजपा विधायकों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है।
दुर्ग संसदीय क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पाटन विधानसभा क्षेत्र भी शामिल हैं। जहां से भूपेश बघेल विधायक है। इस लिहाज से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है, क्योंकि संसदीय क्षेत्र का कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र साहू उनके कट्टर समर्थकों में से एक हैं। इसके अलावा पूर्व मंत्री रवींद्र चौबे, पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, पूर्व पीएचई मंत्री गुरु रुद्र कुमार की प्रतिष्ठा भी दांव पर हैं, क्योंकि उक्त जनप्रतिनिधि संसदीय क्षेत्र के साजा, दुर्ग ग्रामीण और नवागढ़ विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2023 का विधानसभा चुनाव लड़े थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *