काल भैरव अष्टमी पर रात्रि 12 से 3 बजे के बीच काल भैरव की पूजा करने से सभी प्रकार के कष्टों से मिलती है मुक्ति 

काल भैरव अष्टमी  22 नवंबर को मनाई जा रही है. इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप भगवान काल भैरव की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि काल भैरव की पूजा करने से जीवन की सभी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है. रात्रि 12 से 3 बजे के बीच काल भैरव की पूजा करने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है.

  काल भैरव अष्टमी : ये उपाय करें

– शाम के समय काल भैरव के मंदिर में जाकर दीपक जलाएं और उन्हें नारियल और इमरती अर्पित करें. इससे भैरवनाथ प्रसन्न होते हैं और अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है.

-भैरव अष्टमी पर रात 12 बजे मंत्रों का जाप करना बहुत लाभकारी माना जाता है. इससे नौकरी और पैसों की समस्या दूर हो जाती है. मंत्र है – ॐ श्री बम बटुक भैरवाय नमः

– कालभैरव अष्टमी पर 5 या 7 नींबू की माला बनाकर कालभैरव को चढ़ाने से हर शत्रु बाधा का नाश होता है.

– भूत-प्रेत जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए काल भैरव के मंदिर में काल भैरवाष्टक का पाठ करें और कुत्ते को खिला दें.

– काले कुत्ते को सरसों का तेल लगी रोटी खिलाने से व्यापार और रोजगार में आने वाली सभी बाधाओं से छुटकारा मिलता है.

-काल भैरव अष्टमी पर भगवान शिव की भी पूजा की जाती है. इस दिन 21 बिल्व पत्रों यानी बेलपत्र पर चंदन से ‘ओम नम: शिवाय’ लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाने से जीवन में भय, रोग और दोष दूर होते हैं.

 

 

 

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