छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार किसी न्यायालय प्रकरण में जब्त किए गए वन्यप्राणी को वापस उनके रहवास में छोड़ा गया

रायपुर :- छत्तीसगढ़ के इतिहास में शायद यह पहली बार है कि किसी न्यायालय प्रकरण में जब्त किए गए वन्यप्राणी को वापस उनके रहवास में छोड़ा गया है. मामले की जानकारी देते हुए वन्यजीव
प्रेमी नितिन सिंघवी ने बताया कि अभी तक किसी भी न्यायालय प्रकरण में जब्त किए गए वन्यप्राणी को जू में रख दिया जाता था. न्यायालय में प्रकरण लंबित रहने के कारण उन्हें वापस वन में छोड़ने का कोई प्रयत्न नहीं किया जाता था. वन्यजीवों को आजीवन जू में ही रहना पड़ता था.

सिंघवी ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) से निवेदन किया कि केंद्रीय जू अथॉरिटी की गाइडलाइंस के अनुसार ऐसे जब्त वन्य प्राणियों को कोर्ट की अनुमति लेने के बाद छोड़ा जा सकता है और उन्हें छोड़ा जाना चाहिए. इसके पश्चात प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) ने वन विभाग के मैदानी अमले में पदस्थ समस्त अधिकारियों को पत्र लिखकर जब्त वन्य प्राणियों को न्यायालय से अनुमति लेकर वन क्षेत्र में छोड़े जाने के आदेश जुलाई में जारी किये.

सिंघवी ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) से निवेदन किया कि केंद्रीय जू अथॉरिटी की गाइडलाइंस के अनुसार ऐसे जब्त वन्य प्राणियों को कोर्ट की अनुमति लेने के बाद छोड़ा जा सकता है और उन्हें छोड़ा जाना चाहिए. इसके पश्चात प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) ने वन विभाग के मैदानी अमले में पदस्थ समस्त अधिकारियों को पत्र लिखकर जब्त वन्य प्राणियों को न्यायालय से अनुमति लेकर वन क्षेत्र में छोड़े जाने के आदेश जुलाई में जारी किये.

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *