हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाने का विधान है। इस साल गणेश उत्सव 7 सितंबर से शुरू हो रहा है। गणेश चतुर्थी अनंत अनंत चतुर्दशी (17 सितंबर 2024) को समाप्त होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को ही भगवान गणेश का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर लोग अपने-अपने घरों में गणपति बैठाते हैं और पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करते हैं। इसके बाद अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति जी का विसर्जन करते हैं। अगर आप भी इस गणपति उत्सव पर अपने घर गणेश जी बैठा रहे हैं तो इन बातों का खास ध्यान रखें अन्यथा आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होगा।
गणेश उत्सव पूजा नियम
- अगर गणेश चतुर्थी पर आप अपने घर पर गणपति जी बैठा रहे हैं तो उनकी नियमित रूप से पूजा करें और व्रत भी रखें।
- गणेश जी की मूर्ति जहां स्थापित की है वहां साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखें।
- गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करने से पहले उस स्थान को गंगाजल से पवित्र जरूर करें।
- गणेश जी की मूर्ति घर की सही दिशा में ही स्थापित करें और पवित्रता का ध्यान रखें।
- गणपति बप्पा जितने दिन घर में उतने दिन सात्विक भोजन ही बनाएं और परिवार के सदस्य भी सात्विक आहार ही करें।
- गणेश जी को दिन में कम से कम 3 बार भोग लगाएं। बप्पा को मोदक अति प्रिय है तो मोदक का भोग अवश्य लगाएं।
गणेश चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त
- चतुर्थी तिथि आरंभ – 6 सितंबर 2024 को दोपहर 3 बजकर 1 मिनट सेचतुर्थी तिथि समाप्त- 7 सितंबर को शाम 5 बजकर 37 मिनट पर
- गणेश पूजा मुहूर्त- 7 सितंबर को सुबह 11 बजकर 3 मिनट से दोपहर 1 बजकर 34 पर तक
- गणेश चतुर्थी तिथि- 7 सितंबर 2024
- गणेश विसर्जन- 17 सितम्बर 2024