हिंदू धर्म में नवरात्रि का महत्व होता है, जो शारदीय औऱ चैत्र नवरात्रि के रुप में मनाई जाती है। इस दौरान नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है तो भक्तों को आशीर्वाद मिलता है। इस साल 2024 में शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से होने वाली है जो 12 अक्टूबर दशहरा के दिन तक जारी रहेगी। माता दुर्गा 10 दिनों के लिए धरती पर आकर भक्तों के बीच रहती है। नवरात्रि के लिए भक्तों ने तैयारियां कर ली है तो इन दिनों में विधि-विधान से माता दुर्गा की पूजा करने से वे प्रसन्न होकर मनोवांछित फल देती है। इसलिए इस दौरान माता रानी को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धा और सही विधि से पूजा करनी चाहिए।
विधि-विधान से किया जाता है माता का शृंगार
आपको बताते चलें कि, नवरात्रि में माता दुर्गा की पूजा विधि-विधान से की जाती है तो घरों और पंडालों में माता दुर्गा को स्थापित करने के साथ विधि-विधान से माता का 16 शृंगार भी किया जाता है। कहते हैं कि, नवरात्रि के नौ दिनों तक भक्तों को साफ-सफाई के साथ माता रानी की पूजा करनी चाहिए। वहीं पर माता का विशेष चीजों के साथ माता दुर्गा का शृंगार भी करना चाहिए यह हिंदू धर्म में सोलह श्रृंगार शुभता और सौभाग्य का प्रतीक माना गया है।
16 शृंगार में शामिल करें ये विशेष चीजें
यहां पर माता दुर्गा के 16 शृंगार में इन विशेष चीजों को शामिल करना चाहिए जो जरूरी होता है..
गजरा
मांग टीका
लाल चुनरी
मंगलसूत्र
नथ
झुमका
लाल चूड़ी
मेहंदी
लाल बिंदी
काजल
बिछुआ
बाजूबंद
कमरबंद
लाल रंग का जोड़ा
और पायल
इस विधि से करें माता दुर्गा का शृंगार
नवरात्रि में माता दुर्गा का 16 शृंगार विधि-विधान के साथ करना चाहिए तो इस दौरान कई बातों का ध्यान रखना जरूरी है, विधि इस प्रकार है..
सबसे पहले आपको एक चौकी स्थापित करनी है।
इसके बाद इस चौकी को गंगा जल से पवित्र कर उस पर पीला या लाल वस्त्र बिछाएं।
इसके बाद इस पर माता रानी की मूर्ति की स्थापना करें।
स्थापना के बाद, माता रानी का शृंगार करें।
शृंगार करते समय, माता रानी को लाल रंग की गोटेदार चुनरी पहनाएं। इसे बेहद शुभ माना जाता है।
इसके साथ ही गुलाब या मोगरा के फूलों से बना गजरा चढ़ाएं। शृंगार के दौरान काले रंग का उपयोग भूलकर भी न करें।