आइये जाने अहोई अष्टमी का व्रत कैसे रखा जाता है

अहोई अष्टमी का व्रत कैसे रखा जाता है, सुबह की पूजा से लेकर शाम तक का संपूर्ण विधि और कथा पढ़ने का टाइम से लेकर तारों का टाइम भी यहां जानें

अहोई अष्टमी का पर्व आज 24 अक्तूबर को मनाया जाएगा। मान्यता है कि अहोई अष्टमी का निर्जला व्रत अगर माता अपनी संतान के लिए रखे, तो संतान की दीर्घायु होती है। इस अहोई अष्टमी पर गुरु पुष्य योग, सर्वाथसिद्धि योग, बुद्धादित्य योग आदि बन रहे हैं, जिससे इस व्रत का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। इस दिन महिलाएं व्रत रखकर अहोई माता की कथा सुनती है और आसमान में तारों को अर्घ्य देकर पूजा करती हैं। पण्डित राजेश अग्निहोत्री ने बताया कि शाम को 5:41 बजे से 6:58 बजे तक पूजन का मुहूर्त रहेगा। तारों का उदय रात्रि लगभग 6:24 बजे होगा।

 

अहोई अष्टमी व्रत कथा कब पढ़ें
कुछ लोगों के शाम को कथा पढ़ी जाती है और कुछ लोगों के दोपहर को। अगर दोपहर को कथा पढ़ी जाती है, तो दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से दोपहर 03 बजे तक राहुकाल है। इस समय कथा न पढ़ें

अहोई अष्टमी की पूजा कैसे करें
सबसे पहले का व्रत संकल्प किया जाता है। इस दिन पूजा के लिए करवे ले लें। इस दिन भी पूजा में करवा का इस्तेमाल किया जाता है। एक करवे में अनाज और करवे में जलभरकर इससे ही तारों को अर्घ्य दिया जाता है। करवे को पहले चावल और हल्दी से रंगा जाता है। इन्हें खाली नहीं रखना है, इनमें मौली बांध लें। एक कलश में चांदी की माला को दूध से स्नान कराकर लटका दी जाती है। इसपर हल्दी कुमकुम से तिलक किया जाता है। अहोई माता का कैलेंडर लगाकर पूजा की जाती है। इस व्रत में चांदी की स्याऊ माता की माला का बहुत अधिक महत्व है। हर साल माला में दो मनके जोड़े जाते हैं। इसके बाद दीप जलाकर पूजा करें और सभी भगवानों को स्नान कराए। सभी को आह्वाहन करें। स्याऊ माता की माला पर भी तिलक किया जाता है। गणेश जी और शिव परिवार को तिलक करें। अहोई माता को श्रृंगार का सामान अर्पित करें। इसके बाद हाथ में अनाज लेकर कथा सुनी जाती है और गणेश जी और अहोई अष्टमी माता की आरती की जाती है। बायना सास को दिया जाता है और सास का आशीर्वाद लिया जाता है। इस दिन पैठा किसी ब्राह्मण को दान दिया जाता है।

तारों के निकलने का समय, कथा पढ़ने का मुहूर्त
अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त शाम 5:42 बजे से शाम 6:59 बजे तक

दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से दोपहर 03 बजे तक राहुकालम्

चन्द्रमा कर्क राशि में

(शाम) तारे दिखने का समय 6:06 बजे

अहोई अष्टमी पर चंद्रोदय रात्रि 11:55 बजे

अष्टमी तिथि 24 अक्टूबर 2024 को सुबह 1:18 बजे शुरू होगी

अष्टमी तिथि 25 अक्टूबर 2024 को प्रातः 1:58 बजे समाप्त होगी

 

 

आइये जाने अहोई अष्टमी का व्रत कैसे रखा जाता है

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