अक्टूबर में पड़ रहे हैं कई बड़े पर्व, जानिए नवरात्रि, दशहरा, करवा समेत अन्य प्रमुख तीज- त्योहार, देखें पूरी लिस्ट

जल्द ही अक्टूबर माह शुरू होने जा रहा है। अक्टूबर में व्रत त्योहार की छड़ी लगने जा रही है। अक्टूबर में एक के बाद एक कई त्योहार मनाए जाएंगे। महीने की शुरुआत सर्वपितृ अमावस्या और शारदीय नवरात्रि के साथ होने जा रही है।

अक्टूबर के महीने में दशहरा करवा चौथ और दिवाली जैसे त्योहारों की धूम रहने वाली है। ऐसे में आइए जानते हैं अक्टूबर में कुल कितने त्यौहार हैं और किस किस दिन आप यह त्योहार मना सकते हैं। देखें अक्टूबर के व्रत त्योहार की पूरी लिस्ट।

अक्टूबर 2024 के व्रत-त्योहार की लिस्ट :

2 अक्टूबर 2024- अश्विन अमावस्या

3 अक्टूबर 2024- शरद नवरात्रि और घटस्थापना

9 अक्टूबर 2024- कल्परम्भ

10 अक्टूबर 2024- नवपत्रिका पूजा

11 अक्टूबर 2024- दुर्गा महा नवमी पूजा और दुर्गा महा अष्टमी पूजा

12 अक्टूबर 2024- दशहरा और शरद नवरात्रि का पारण

13 अक्टूबर 2024- दुर्गा विसर्जन

14 अक्टूबर 2024- पापांकुशा एकादशी

15 अक्टूबर 2024- प्रदोष व्रत (शुक्ल)

17 अक्टूबर 2024- अश्विन पूर्णिमा व्रत और तुला संक्रांति

20 अक्टूबर 2024- संकष्टी चतुर्थी और करवा चौथ

28 अक्टूबर 2024- रमा एकादशी

29 अक्टूबर 2024- धनतेरस और प्रदोष व्रत (कृष्ण)

30 अक्टूबर 2024- मासिक शिवरात्रि

31 अक्टूबर 2024- नरक चतुर्दशी

2 अक्टूबर 2024 बुधवार – अश्विन अमावस्या, सर्व पितृ अमावस्या, सूर्य ग्रहण

इस दिन जिन लोगों की मृत्यु तिथि याद न हो सर्वपितृ अमावस्या पर उनका श्राद्ध कर्म किया जाता है। कहते हैं इससे सद्गति प्राप्त होती है। इस दिन साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भी लग रहा है।

3 अक्टूबर 2024 गुरुवार – शारदीय नवरात्रि, घटस्थापना

शारदीय नवरात्रि को सभी नवरात्रियों में खास माना गया है। पहले दिन घटस्थापना कर माता की 9 दिन तक पूजा की जाती है।

9 अक्टूबर 2024 बुधवार – दुर्गा पूजा शुरू, कल्परम्भ

दुर्गा पूजा नवरात्रि की षष्ठी तिथि से दशहरा तक चलता है। कहते हैं इसमें दुर्गा, लक्ष्मी जी और मां सरस्वती अपने मायके आती हैं।

12 अक्टूबर 2024 शनिवार – दशहरा

बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार दशहरा हिंदू धर्म के लिए बहुत महत्व रखता है। इस दिन श्रीराम ने लंका पर जीत हासिल कर रावण का अंत किया था।

17 अक्टूबर 2024 गुरुवार – शरद पूर्णिमा व्रत

शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी का अवतरण हुआ था। इस दिन जो लोग रात में जागकर देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं उनपर लक्ष्मी जी की कृपा बरसती है। कहते हैं इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत बहता है इसलिए इस रात खुले आसमान के नीचे खीर रखने का विधान है ताकि उसमें अमृत के गुण आ जाएं।

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