इसलिए मनाया जाता है International Daughter’s Day, जानिए संयुक्त राष्ट्र ने क्यों की पहल ..?

बेटियां भगवान का दिया हुआ वह अनमोल तोहफा है जिसके पैदा होने पर घर आंगन में खुशियां ही खुशियां नजर आती हैं। इसलिए ये परिवार में हर किसी की लाडली कही जाती है। दो कुल को रोशन करने वाली बेटियों के बारे में जितना बखान या गुणगान किया जाए कम है।

यही कारण है कि, भारत समेत दुनियाभर के कई देशों में बेटी दिवस मनाया जाता है। हर साल सितंबर माह के चौथे रविवार को बेटी दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। इस साल ये दिन  22 सितंबर को सेलिब्रेट किया जाएगा। चलिए आपको बताते हैं इससे जुड़ी कुछ खास बातें जिन्हें जानकर आप भी इसका महत्व अच्छे से जान पाएंगे।

इस दिन है ‘डॉटर्स डे’

बता दें, साल 2024 में ये दिन 22 सितंबर को सेलिब्रेट किया जाए। ये दिन पूरी दुनिया में सेलिब्रेट किया जाएगा। इस दिन के लिए अलग-अलग थीम तैयार की जाएंगी। उसके हिसाब से इस खास तरीके से मनाया जाएगा।

‘डॉटर्स डे’ के क्या है इतिहास

हमारे समाज में लड़के और लड़कियों को लेकर भेदभाव अक्सर देखा गया है। इसी को हटाने के पहल की गई संयुक्त राष्ट्र ने उन्होंने लड़कियों को सम्मान देने और लोगों को उनका महत्व समझाने के लिए 11 अक्टूबर 2012 को इसकी पहल की और एक दिन बेटियों के नाम किया। संयुक्त राष्ट्र की इस पहल के बाद दुनियाभर में डॉटर्स डे सेलिब्रेट किया जाता है। भारत में हर साल ये दिन सितंबर के आखिरी रविवार में मनाया जाता है। इस बार ये 22 सितंबर को मनाया जाएगा।

‘डॉटर्स डे’ मनाने का क्‍या उद्देश्‍य है

इस दिन को मनाने का उद्देश्य बेटियों को यह बताना है कि वह कितनी खास हैं और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इस दिन को मानने का यह भी एक कारण कि समाज को यह संदेश दिया जा सके कि लड़कियों के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए बल्कि उन्हें लड़कों के समान अधिकार दिया जाना चाहिए।

‘डॉटर्स डे’ का क्या है महत्व

समाज में बेटियों से जुड़े विचारों में बदलाव लाने के लिए इस दिन को मनाया जाता है। इसका महत्व होता है लोगों को ये बताना कि आजकल के बदलते समय में लड़कियां उतनी ही सक्षम और निपुण हैं जितने लड़के हैं।

वो हर तरह से काम करना जानती हैं। अगर आप बेटियों को पैदा होने का या फिर आगे बढ़ने का मौका देंगे तो इससे बेटियों को प्रोत्साहन मिलेगा। इसे दिन को मनाने का महत्व उन समाज के लोगों के लिए है जो आज भी बेटियों को सिर्फ एक बोझ मानता है। उनके विचारों को बदलने के लिए इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है।

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