देश के कई हिस्सों में आज धूमधाम से दही हांडी का पर्व मनाया जाएगा. इस साल मुंबई के कई स्थानों पर शानदार दही हांडी उत्सव होने जा रहा है. मुंबई में जन्माष्टमी की रोशनी, संगीत, और भीड़ का जोश आपको कृष्ण भक्ति में पूरी तरह से डुबो देगा
दही हांडी का उत्सव कृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन आता है. दही हांडी का खेल भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं पर आधारित है. इस त्योहार में दही की एक मटकी को ऊपर टांग दिया जाता है. फिर विभिन्न गोविंदाओं की टोली ऊपर बंधी दही की इस मटकी को फोड़ने का प्रयास करती है.
द्वापर युग से चली आ रही परंपरा
दही हांडी की परंपरा द्वापर युग से चली आ रही है. यह त्योहार भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की याद दिलाता है. जैसे भगवान श्रीकृष्ण अपने बाल स्वरूप में माखन चुराने के लिए मटकी फोड़ देते थे. उसी तरह उनके भक्त कन्हैया की चंचल लीलाओं को याद करते हुए दही की हांडी फोड़कर शानदार सेलिब्रेशन करते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण बचपन में अपने दोस्तों के साथ माखन चुराते थे और अपने दोस्तों में बांट देते थे. इसलिए कान्हा को माखन चोर भी कहा जाता है. माखन चोरी होने के डर से गोपियां माखन की मटकी को घर में सबसे ऊंचे स्थान पर लटका देती थीं. इसके बाद भी कान्हा मटकी फोड़कर माखन चोरी कर लेते थे.