सनातन धर्म को मानने वाले श्रद्धालुओं के लिए ‘शारदीय नवरात्रि’ का महापर्व विशेष महत्व रखता है। वर्ष 2024 में नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर, 2024 गुरुवार के दिन से हो रही है। जो लोग शारदीय नवरात्र का व्रत रखते हैं वह प्रतिपदा तिथि से लेकर दशमी तिथि तक अखंड ज्योत जरूर जलाते हैं।
इसी के साथ यह माना जाता है कि नौ दिनों में अखंड ज्योत जलाने से माता रानी साधक की सभी इच्छाएं पूरी करती हैं। पूरे नौ दिनों तक बिना बुझे लगातार ज्योत जलाने को अखंड ज्योत कहा जाता है। वहीं, इस ज्योत का बुझना अशुभ माना गया है। ऐसे में आपको कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, ताकि साधक और उसके परिवार पर माता रानी की कृपा बनी रहे।
अखंड ज्योत जलाने के क्या हैं नियम
ज्योतिषियों के मुताबिक, अखंड ज्योति का अर्थ होता है, ऐसी ज्योति जो एक बार जल जाए तो फिर खंडित न हो। माना जाता है कि नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से माता रानी प्रसन्न होती हैं। और माता-रानी के प्रसन्न होने का अर्थ है घर-परिवार पर मां की कृपा होना। इससे घर-परिवार में खुशहाली और समृद्धि बनी रहती है। वहीं माना यह भी जाता है कि अखंड ज्योति जलाने से मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
- ज्योतिषियों की मानें तो,अखंड ज्योति जलाने के कई नियम होते हैं। इसलिए माना जाता है कि अखंड ज्योत जलाते समय पूरी तरह से सावधानी बरतनी चाहिए। वैसे तो, अखंड ज्योति का बुझना शुभ नहीं माना जाता।
- लेकिन,आपको बता दें, अगर सावधानी के बावजूद अखंड ज्योति किसी कारण बुझ जाए या बार-बार अखंड ज्योति बुझे तो ऐसे में आपको करना चाहिए ये काम अखंड ज्योति का बार-बार बुझना शुभ नहीं माना जाता। इसे अनिष्टकारी माना जाता है। लेकिन यदि पूरी सावधानी के बावजूद यदि अखंड ज्योति बुझ जाए तो, सबसे पहले मां से क्षमा याचना करें।
- शास्त्रों के अनुसार, अगर किसी कारण से ज्योति बुझ गई है तो, फिर से बाती उसी में डालकर दीपक को न लगाएं। दरअसल बुझने के बाद इस ज्योति को खंडित माना जाता है। आप जलते दीपक में ही दूसरी बाती जोड़ दें तो आपकी ज्योति खंडित नहीं मानी जाएगी।
- नवरात्रि में जलाई गई अखंड ज्योति पूरे नौ दिनों तक जलनी चाहिए। लेकिन अगर आप ज्योति जलाने के लिए सवा बित्ता से कम की बाती का इस्तेमाल करेंगे तो यह कभी भी पूरे नौ दिन तक नहीं जल पाएगी।
- कहते हैं, दीपक को बुझने से बचाने के लिए दूसरी बाती को पहली बाती में पहले ही जोड़ दीजिए। इसीलिए आप पहले ही सवा हाथ का रक्षासूत्र बनाकर दीपक के बीचों-बीच रख दें, जिससे कि दीपक किसी कारण बुझ भी जाए तो आप इस बाती से दीपक को जला सकें।
- यदि नौ दिन पूरे होने और नवरात्रि खत्म होने के बाद भी दीपक जलता रहे तो, इसे फूंक माकर या किसी भी तरह से खुद नहीं बुझाना चाहिए। बल्कि इस अखंड ज्योति को स्वयं ही बुझने देना चाहिए।
- अखंड ज्योति की बाती को महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए आप पहले ही सवा हाथ का रक्षासूत्र बनाकर दीपक के बीचों-बीच रख दें, जिससे कि दीपक किसी कारण बुझ जाए, तो आप इस बाती से दीपक को जला सकें।
- मान्यता है कि जिस जगह पर अखंड ज्योति जलाई जाती है। वहां बुरी चीजों का साया नहीं होता है। इसके अलावा, परिवार के सदस्यों के जीवन में खुशहाली और प्रकाश का आगमन होता है।
- अखंड दीपक प्रज्वलित करने से जीवन में प्रकाश और खुशहाली आती है।
गाय के घी में अखंड ज्योति जलाने से घर का वातावरण रोगाणु मुक्त होता है। साथ ही आस पास का वातावरण शुद्ध होता है। - इसके अलावा नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा मिलता है। अगर आप अखंड ज्योति सरसों के तेल में जला रहे हैं, तो इससे घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। साथ ही पितृ शांत रहते हैं।