प्रदीप मिश्रा के लिए उज्जैन के दरवाजे हुए बंद, संतों ने लिया बड़ा फैसला

उज्जैन :  उज्जैन में कथावाचक प्रदीप मिश्रा के दिए गए बयान से संत समाज आक्रोशित हुआ है। संत समाज ने धर्म सभा कर कथावाचक को उज्जैन में प्रतिबंध करने का निर्णय लिया है। निर्वाणी अखाड़े के महंत दिग्विजय दास का कहना है कि एक कथावाचक का राधा रानी और तुलसीदास को लेकर इस तरह का बयान देना सही नहीं है। यदि वह इस पूरे मामले को लेकर राधा रानी के मंदिर जाकर दंडवत प्रणाम कर नाक रगड़ कर माफी मांगते है तो हम उन्हें माफ कर देंगे। यदि वह ऐसा नहीं करते है तो उनको दंड देने का लिए आगे भी कार्यवाही करेंगे।

महर्षि सांदीपनि के वंशज एवं सांदीपनि आश्रम के मुख्य पुजारी रूपम व्यास का कहना है कि आज धर्म सभा में हमने निर्णय लिया है कि संदीपनी की इस नगरी में कथा वाचक के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। और यदि वह किसी भी तरह से बलपूर्वक प्रवेश करेंगे तो उसका जवाब भी हमारे द्वारा बलपूर्वक दिया जाएगा। हमने 7 दिनों का अल्टीमेटम दिया है यदि वह इस समय सीमा में माफी मांग लेते हैं तो अच्छी बात है।

निर्वाणी अखाड़े के महंत दिग्विजय दास का कहना है कि एक कथावाचक का राधा रानी और तुलसीदास को लेकर इस तरह का बयान देना सही नहीं है। यदि वह इस पूरे मामले को लेकर राधा रानी के मंदिर जाकर दंडवत प्रणाम कर नाक रगड़ कर माफी मांगते है तो हम उन्हें माफ कर देंगे। यदि वह ऐसा नहीं करते है तो उनको दंड देने का लिए आगे भी कार्यवाही करेंगे।

महर्षि सांदीपनि के वंशज एवं सांदीपनि आश्रम के मुख्य पुजारी रूपम व्यास का कहना है कि आज धर्म सभा में हमने निर्णय लिया है कि संदीपनी की इस नगरी में कथा वाचक के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। और यदि वह किसी भी तरह से बलपूर्वक प्रवेश करेंगे तो उसका जवाब भी हमारे द्वारा बलपूर्वक दिया जाएगा। हमने 7 दोनों का अल्टीमेटम दिया है यदि वह इस समय सीमा में माफी मांग लेते हैं तो अच्छी बात है।

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