ज्येष्ठ माह में कौन -कौन से पड़ेंगे त्यौहार,यहां पढ़ें पूरी लिस्ट… 

हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास का विशेष महत्व है। इस माह में पूजा-पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ महीने की शुरुआत 24 मई 2024 से हो रही है। ज्येष्ठ मास में शनि जयंती, वट सावित्री से लेकर बड़ा मंगल और गंगा दशहरा जैसे व्रत-त्यौहार आते हैं। तो चलिए जानते हैं ज्येष्ठ में आने वाले त्यौहारों की लिस्ट और नियम के बारे में।

ज्येष्ठ माह त्यौहारों की लिस्ट 

  • नारद जयंती- 24 मई 2024
  • संकष्टी चतुर्थी- 26 मई 2024
  • पहला बड़ा मंगल- 28 मई 2024
  • अपरा एकादशी- 2 जून 2024
  • वट सावित्री व्रत- 6 जून 2024
  • ज्येष्ठ अमावस्या, शनि जंयती- 6 जून 2024
  • विनायक चतुर्थी- 10 जून 2024
  • मिथुन संक्रांति, महेश नवमी- 15 जून 2024
  • गंगा दशहरा- 16 जून 2024
  • गायत्री जयंती- 17 जून 2024
  • निर्जला एकादशी- 18 जून 2024
  • प्रदोष व्रत- 19 जून 2024
  • वट पूर्णिमा व्रत, कबीर दास जयंती, ज्येष्ठ पूर्णिमा- 22 जून 2024

शनि जयंती- 6 जून को शनि जयंती मनाई जाएगी। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि के दिन भगवान शनि देव का जन्म हुआ था।

नारद जयंती- 24 मई को नारद जयंती है। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नारद जी का अवतरण हुआ था। नारद जी को दुनिया का प्रथम पत्रकार भी माना जाता है, क्योंकि ये तीनों लोकों में सूचना पहुंचाते थे।

वट सावित्री व्रत- वट सावित्री का व्रत 6 जून को रखा जाएगा। कहते हैं कि यम देव ने माता सावित्री के पति सत्यवान के प्राणों को वट वृक्ष के नीचे ही लौटाया था। वट सावित्री का व्रत रखने से पति की आयु लंबी होती है।

गंगा दशहरा- 16 जून को गंगा दशहरा मनाया जाएगा। गंगा दशहरा को गंगावतरण के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है गंगा का अवतरण। गंगा दशहरा के दिन गंगा में स्नान करना और दान-पुण्य करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।

ज्येष्ठ माह में क्या करें और क्या नहीं?

  • ज्येष्ठ मास में पशु-पक्षियों के लिए भोजन और जल की व्यवस्था करें
  • इस महीने में बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए। कहते हैं इससे संतान के जीवन पर गलत प्रभाव पड़ता है
  • ज्येष्ठ माह में बड़े बेटे या बेटी का विवाह नहीं करना चाहिए
  • इस माह में जल का व्यर्थ करने से बचना चाहिए
  • ज्येष्ठ मास में सूर्य देव की पूजा का खास महत्व है। रोजाना सूर्य देव को अर्घ्य दें

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