करवा चौथ विवाहित महिलाओं के लिए सबसे बड़ा पर्व है। इसका वे सालभर बेसब्री से इंतजार करती हैं। इस दिन वे निर्जला व्रत रखती हैं। सूर्योदय से चंद्रोदय तक कठिन उपवास का करती हैं। अपने पति की सुरक्षा और लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं। करवा चौथ हर साल कार्तिक माह में पूर्णिमा के चौथे दिन मनाया जाता है। इसकी तैयारियां अभी से शुरू हो चुकी हैं, क्योंकि इस साल यह तिथी 20 अक्टूबर को पड़ रही है। आइए इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातों को जानते हैं।
करवा चौथ का पर्व भारत के हर राज्य में बड़ी सिद्दत के साथ मनाया जाता है। इस दौरान नवविवाहिताएं अपनी शादी का जोड़ा पहनती हैं। अब आपके मन में सवाल आएगा कि ऐसा क्यों? वह इसलिए क्योंकि शादी का जोड़ा साथ फेरे और अन्य विवाहिक अनुष्ठान को करते समय बहुत पवित्र हो जाता है। करवा चौथ के दिन दोबारा इसे पहनने से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
ऐसा माना जाता है कि व्रत के दौरान शादी का पहला जोड़ा पहनने का शुभ प्रभाव शादीशुदा जिंदगी पर पड़ता है। पति-पत्नी सदैव खुश वैवाहिक जीवन जीते हैं। रिश्ते मजबूत होते हैं और प्यार बढ़ता है। ऐसे में नवविवाहित महिलाओं को पहले करवा चौथ पर शादी का जोड़ा ही धारण करना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है।